Mahakumbh Prayagraj Nuclear Testing महाकुंभ मेला क्षेत्र में आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर सरकार की तरफ से कदम उठाया गया है। आसमान से लेकर जल तक सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। पहली बार न्यूक्लियर और किसी भी तरह की रेडिएशन से बचाव के लिए भी व्यवस्था महाकुंभ में की गई है।
इससे किसी भी तरह की आपदा से लोगों को बचाया जा सकेगा। इसके लिए अलग-अलग टीमें लगातार मेले में अत्याधुनिक तकनीकी से तैयार इक्विपमेंट्स लेकर तैनात हैं।

50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद महाकुंभ में 13 जनवरी से लेकर 1 फरवरी की सुबह 10 बजे तक 32 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ में 50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। इसको देखते हुए पूरे मेले को हाईटेक सिक्योरिटी इक्विपमेंट्स से लैस किया गया है।
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आतंकी गतिविधियों के खतरे को देखते हुए पहली बार महाकुंभ में इजराइली एंटी ड्रोन सिस्टम से निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही न्यूक्लियर, केमिकल, जैविक, रेडियोलॉजिकल और एक्सप्लोसिव हमले से निपटने के लिए कई हाईटेक सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
इन हमलों से बचने के लिए लगातार टीमें नई तकनीकी पर आधारित इक्विपमेंट्स के साथ पूरे मेला क्षेत्र में गश्त कर रही हैं। इससे इस प्रकार के हमले से पहले ही उनके रेडिएशन का पता लगाया जा सके और उसको रोका जा सके।

गंगा जल से लेकर सामानों के रेडिएशन की हो रही जांच महाकुंभ में न्यूक्लियर, केमिकल, जैविक, रेडियोलॉजिकल और एक्सप्लोसिव हमले से बचने के लिए लगाई गई टीमें गंगा जल से लेकर अन्य सामानों से निकलने वाले रेडिएशन की जांच कर रही हैं। उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवीण किशोर ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग, डीआरडीओ की मदद से महाकुंभ में रेडिएशन को लेकर कई प्रकार की जांच चल रही हैं। NDRF के साथ सीबीआरएन की कई टीमें मिलकर कार्य कर रही हैं। इसमें कई स्पेशल व्हीकल लगाए गए हैं।

परमाणु ऊर्जा विभाग की तरफ से भी विशेष रूप से तैयार कराए गए एक्यूपमेंट से लैस व्हीकल भी लगातार मेला क्षेत्र में कार्य कर रहा है। इस व्हीकल का नाम है एमआरएएल है। किसी भी प्रकार की परमाणु ऊर्जा से संबंधित रेडिएशन होता है तो तत्काल उससे बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा सभी एसडीएम, पुलिस के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया गया है।
परमाणु ऊर्जा विभाग के साइंटिस्ट दीपक शर्मा ने बताया कि अलग-अलग तरह की टीमें लगाई गई हैं। जो लगातार रेडियेशन के स्तर की जांच कर रही हैं। हालांकि अभी तक कहीं भी रेडियेशन सामान्य स्तर से अधिक नहीं मिला है। टीमें रेडिएशन डिडक्शन इक्विपमेंट्स के साथ लगातार इसकी जांच कर रही हैं।
