3 फरवरी को वसंत पंचमी है। इस दिन प्रयागराज महाकुंभ में साधु-संतों का अमृत स्नान है। एक बार फिर महाकुंभ में भीड़ बढ़ रही है। 28 जनवरी की आधी रात भगदड़ और मौतों के बाद प्रशासन का सबसे ज्यादा फोकस क्राउड मैनेजमेंट पर है।
भगदड़ की घटना के तुरंत बाद प्रशासन ने 5 बड़े बदलाव किए। पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया। VVIP पास रद्द कर दिए। सारे पांटून पुल खोल दिए गए। प्रयागराज बॉर्डर पर गाड़ियों को रोक दिया गया है।
28 और 29 जनवरी को श्रद्धालुओं को प्रयागराज से बाहर तेजी से भेजा गया। हादसे के 48 घंटे के अंदर मेला क्षेत्र से भीड़ प्रेशर कम होने के बाद अब 4 फरवरी तक की स्ट्रैटजी तैयार की गई है।
पहले जानिए कैसे मेला क्षेत्र खाली हुआ…
- प्रयागराज के आस-पास के जिलों के बॉर्डर पर गाड़ियों को रोककर 20 से 30 गाड़ियों के पॉकेट में भेजा गया।
- 700 ट्रेनों की मदद से यात्रियों को तेजी से उनके शहरों की तरफ रवाना किया गया।
- VVIP कल्चर पूरी तरह से बंद कर दिया। पूरे मेला मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन बनाया गया।
अगर आप भी महाकुंभ आने का प्लान बना रहे हैं, तो तमाम नई व्यवस्थाओं को भी जान लीजिए। जैसे- प्रयागराज शहर के अंदर ट्रैफिक व्यवस्था क्या है? अलग-अलग रूट की ट्रेन कहां पहुंच रही हैं? संगम क्षेत्र पहुंचने के लिए कितना पैदल चलना होगा? पढ़िए रिपोर्ट…






संगम मेला क्षेत्र में आ रहे हैं तो ये 10 सवाल के जवाब जानना जरूरी हैं…
सवाल 1: मेला क्षेत्र तक पहुंचने के लिए क्या बाइक, ई-कार्ट, ऑटो वगैरह मिलेगी? जवाब: ओला, रैपिडो बाइक सर्विस और ऑटो, ई-रिक्शा और निजी वाहन शहर में चल रहे हैं। लेकिन भीड़ की वजह से यह सुविधा कम पड़ रही है। बसें नहीं चल रही हैं।
सवाल 2: VVIP घाट पर क्या गाड़ी की अनुमति रहेगी? जवाब: सभी के VVIP पास कैंसिल कर दिए हैं। कोई प्रोटोकॉल 4 फरवरी तक नहीं रहेगा। सिर्फ मेले में तैनात अफसरों की गाड़ियां चलेंगी।
सवाल 3: जो लोग कुंभ के कैंपों में अपनी गाड़ी लेकर फंसे हैं, वो बाहर कैसे निकल सकते हैं? जवाब: मेले में फंसे वाहनों को बाहर निकालने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सिर्फ एंट्री पर बैन है। उन्हें निकाला जा रहा है।
सवाल 4: कल्पवासियों के घर वाले उन्हें राशन और बाकी सामान पहुंचाने आते हैं, क्या इंतजाम हैं? जवाब: पहले किसी साधन से मेला क्षेत्र के बाहर आना होगा। फिर पैदल ही सामान लेकर आना होगा।
सवाल 5: संगम नोज पर आना-जाना आसान हो गया है या अभी प्रतिबंधित है? जवाब: पूरा मेला वन-वे है। जाना और आना पहले से आसान है।
सवाल 6: लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट, नागवासुकी मंदिर, आनंद भवन जैसी प्रमुख जगहों पर भी क्या आने-जाने को लेकर प्लान में बदलाव किया गया है? जवाब: सभी मंदिर खुले हैं। यहां पैदल ही जा सकते हैं। बसंत पंचमी पर 2 और 3 फरवरी को मेला प्रशासन नया आदेश जारी करेगा। मुख्य स्नान पर्वों पर भीड़ को देखते हुए अक्षयवट और लेटे हनुमान मंदिर पर पहले रोक लगी थी। इसलिए बसंत पंचमी पर यह रोक लग सकती है।
सवाल 7: अगर मेरी गाड़ी नहीं जा पाएगी और लोकल कन्वेंस नहीं मिलेगा तो मुझे कितना पैदल चलना पड़ेगा? जवाब: मेला क्षेत्र के बाहर तक लोकल वाहनों की एंट्री है। वहां से संगम के लिए 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलना होगा।
सवाल 8: गंगा में नाव चल रही है या नहीं? घाट से संगम तक नाव की अनुमति है या नहीं? जवाब: नावें चल रही हैं। संगम तक जाने की अनुमति है, लेकिन बसंत पंचमी के दिन इस पर रोक लगाई जा सकती है। अभी मुख्य स्नान पर ऐसा ही होता आया है।
सवाल 9: संगम से अखाड़ों तक पहुंचने के लिए पैदल कितनी दूरी तय करनी होगी? जवाब: दो से ढाई किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होगी।
सवाल 10: दिव्यांग और बुजुर्ग मेला और स्नान के लिए संगम कैसे जाएंगे? जवाब: अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। पैदल ही जाना होगा।